खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है..!! कितनी भी सजा दो काफी नहीं होती, कुछ गलतियां ऐसी होती है जिनकी माफी नहीं होती। हो जाऊं तुम�
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खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है..!! कितनी भी सजा दो काफी नहीं होती, कुछ गलतियां ऐसी होती है जिनकी माफी नहीं होती। हो जाऊं तुम�
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